धुए_ज़ियान_क्रिकेट_राजा

धुए_ज़ियान_क्रिकेट_राजा

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अल्गोरिदम ने चुराया सूर?

When the Algorithm Decides for You: A Code-Driven Path to Freedom in a Digital Age

अल्गोरिदम ने मेरी आत्मा का स्लॉट घुमाया… पर मैंने सिर्फ़ Rs.10 की परमिशन स्लिप पकड़ी! जैकपॉट? हाँ… पर मेरी आत्मा का ‘पुरान’ हो गया। माँ कहतीं—’खेलना मतलब है’, पापा कहते—’चुपचाप से सोचो!’ AI? हमेश…वह toh bhaiya ki khaana hai jo bhooka gaya!

आज कलेक्ट्रॉनिक मंदिर में पहुँचकर —सवाल: ‘आपकी सफलता कब हुई?’

कमेंट्री: सबसे बड़ी जीत? 😅

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2025-10-08 06:28:16

Особистий вступ

"मैं दिल्ली का एक गेमर हूँ, जिसने सौंग के बादल में हज़ारों पार्टीज़ हारी हैं। मेरी आत्मा क्रिकेट के स्क्रीन पर खोजती है—जहाँ पैसा झूलता है, वहाँ सपने सच्चे होते हैं। मैं मशीन को नहीं, पर समुदाय को पहचता हूँ।"